नशा बना जीवन का सुरंग, लड़खड़ाता जीवन जहन्नुम बना ।
रिपोर्ट:- शत्रुघ्नं मणि त्रिपाठी
अपने कर्तव्यों से मुकर,फाँसी लगाके बुझदिल बना इंसान
गोरखपुर:- जनपद के हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के ग्राम सभा चारनाद निवासी राकेश तिवारी उर्फ राजा बाबू ने फांसी लगा कर अपनी जीवन लीला खत्म कर ली । दो नाबालिक बच्चों को मझधार में छोड़ अपने जिम्मेदारी का पीछा छुड़ा लिया । पति के बहकते कदम से तंग पत्नी खुद को शून्य हो गयी । राजा बाबू ने अपनी जिम्मेदारी पत्नी के सिर छोड़ गैर जिम्मेदाराना हरकत से बाज नही आया । खानदानी रहीस के घर पैदा होने वाले राकेश तिवारी का नाम बड़े दुलार के साथ राजा बाबू रखा गया था । लेकिन उनके कर्म नाम पर भी दाग लगा दिया । राकेश त्रिपाठी उर्फ राजा बाबू नशे के आदि हो चुके थे । जिन्होंने अपने जीवन लीला तीन बर्ष पूर्व खत्म करने की कोशिश की थी । लेकिन वह समय दिन का रहा परिवार ने शोर मचा कर पड़ोसियों को बुलाये फाटक तोड़ कर फंदा काट दिया गया और बेहोश हाल में ज़िलाचिकित्सालय भर्ती कर बचा लिया गया । जिसमें एक हप्ते तक कोमा में रहे । फिर हाल उनकी जीवन बच गयी । लेकिन बीती रात घटना को दुहरा कर अपने को खत्म कर लिया । मरने का कारण स्पस्ट नहीं हुआ । लेकिन यह बात सामने आई शराब पीने को लेकर कलह बना रहता था । आर्थिक तंगी उनकी आदत उनकी कमजोडी बनी जिसको न झेल पाने के दशा में अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया ।