पति पत्नी को ट्रक ने रौदा पत्नी की मौत से गांव में पसरा सन्नाटा
रिपोर्ट:- विजय गुप्ता
संतकबीरनगर:- कोतवाली क्षेत्र के घोरखल चौराहे पर बुधवार दिन में 12 बजे के आस पास तेज रफ्तार ट्रक ने एक स्कूटी सवार दम्पति को रौंद दिया।आस पास के लोगो ने दौड़ कर घटना स्थल पर पहुंच पुलिस व एम्बुलेंस को घटना की सूचना दी।लेकिन पत्नी की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। घायल पति को लोगों ने जिला अस्पताल पहुँचाया जिसकी हालात नाज़ुक बताई जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दंपति की पहचान नन्हें ओझा पुत्र राम नारायण व संध्या पत्नी नन्हें ओझा निवासी तेनुआ ओझा थाना महुली जनपद संतकबीरनगर के रुप मे हुई। बताया जा रहा है कि पति पत्नी एक सप्ताह पूर्व सूरत से घर आये हुए थे। जानकारी के अनुसार नन्हे ओझा गुजरात के सूरत शहर में कपड़े का कारोबार करते हैं। कोरोना वायरस के चलते सारा कारोबार बन्द हो जाने और घर में छोटे भाई के विवाह की तिथि करीब आने के चलते एक सप्ताह पूर्व वे अपनी पत्नी संध्या और दो साल की बेटी के साथ गांव वापस लौट आए थे। बुधवार की सुबह भाई की शादी के लिए डाल खरीदने पति पत्नी स्कूटी पर सवार होकर खलीलाबाद गए थे। इस दौरान धूप ज्यादा होने के चलते उन्होंने अपनी दो साल की इकलौती बेटी को घर पर माता पिता के पास छोड़ दिया था। खरीदारी करने के बाद वे घर जाने के लिए खलीलाबाद से चले। अभी वे खलीलाबाद-मुखलिसपुर रोड पर स्थित गैस गोदाम से चन्द कदम आगे बढ़े थे कि पीछे से आ रही तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें बुरी तरह से रौंद दिया। इस घटना में नन्हे ओझा की पत्नी संध्या की घटना स्थल पर ही मौत हो गई और नन्हे ओझा गम्भीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज कर नन्हे ओझा को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। तेनुआ ओझा निवासी नन्हे ओझा और उनकी पत्नी संध्या के मिलनसार ब्यक्तित्व की झलक पोस्टमार्टम हाउस पर साफ परिलक्षित हो रही थी। पोस्टमार्टम हाउस पर शुभचिंतकों का भारी हुजूम और हर आंख से बहते आंसू इस बात की गवाही दे रहे थे कि ओझा दम्पति ने समाज में कितनी लोकप्रियता हासिल किया है। गांव में सभी के सुख दुख में सहभागी बनने के साथ ही गुजरात के सूरत शहर में भी नन्हे ओझा ने बहुत कम समय में अपनी मेहनत और मिलनसार स्वभाव के चलते कपड़े के कारोबार में अपना काफी अच्छा वर्चस्व स्थापित कर लिया था। सूरत में उत्तर भारतीय लोगों द्वारा आयोजित किये जाने वाले सभी सामाजिक आयोजनों में अपना बेहतरीन योगदान देकर सभी के दिलों में अपना मजबूत मुकाम बना लिया। बुधवार को हुई दुर्घटना का समाचार मिलते ही सूरत में मौजूद उनके सैकड़ों शुभचिंतकों में कोहराम मच गया। हर कोई संचार माध्यम से उनकी कुशलता जानने को आतुर दिखा। उन्हें जानने वाले जो प्रवासी सुरत से अपने घरों को लौट आए थे सभी लोग पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंच कर शोकाकुल परिजनों को ढ़ाढ़स बंधाने में जुटे देखे गए। हर कोई इस घटना को लेकर आक्रोशित दिखा।
रफ्तार ने ली विवाहिता की जान
संतकबीरनगर। जनपद संतकबीरनगर में लाक डाउन का कोई मतलब नहीं रह गया है। सड़कों पर बेतहाशा स्पीड में दौड़ते वाहनों की स्पीड पर नियंत्रण रखने वाले पहरुए सड़कों से लापता दिखाई दे रहे हैं। खासकर ट्रकों की तेज रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रह गया है। लाक डाउन के दौरान दोपहिया वाहनों पर एक सवारी, चार पहिया वाहनों पर चालक के अलावा दो सवारियां ही चलने का निर्देश है। लेकिन पूरे दिन दोपहिया वाहनों पर दो से तीन सवारियां और चार पहिया वाहनों पर क्षमता से अधिक सवारियां बैठकर फर्राटा भरती देखी जा रही हैं। प्रदेश में बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं को लेकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर ने एक दिन बेहद सख्त तेवर दिखाया था लेकिन समय के साथ अधिकारियों की सक्रियता समाप्त हो गई और वाहनों की गति पर नियंत्रण नहीं रह गया। आज खलीलाबाद शहर में बुधवार को हुई दुर्घटना भी तेज रफ्तार के ही चलते हुई जिसमें एक परिवार की सारी खुशियां छिन गई। एक मासूम के सिर से ममता का आंचल दूर हो गया तो एक पति के जीवन की सारी खुशियां काल कवलित हो गई।