संतकबीरनगर : ब्रह्मांड के सबसे बड़े शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा के पूजन का उत्सव है ! इस अवसर पर सुर्याएकेडमी के प्रबंधक उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा कि हर उस हाथ को प्रणाम, जो देश और मनुष्यता के लिए श्रम कर रहा है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा, लोकमंगलकारी सर्जन और नवनिर्माण के लिए कर्मरत हर हाथ को शक्ति, सद्बुद्धि और ऊर्जा दे। लेकिन बहुधा हम श्रम करते और मैदानों-खलिहानों में साधनारत उसके देवताओं का तो उल्लेख करते हैं किंतु खेतों में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर हँसिया चला रहीं श्वेदाँकित ललाट वाली हमारा माँओं, जंगलों में वन्यउपज का घूम-घूमकर संग्रह करती हमारी बहनों, घर-आँगन बुहारती हमारी भाभियों और नितांत अक्षम हो जाने पर भी आँगन में चारपाई डाल जवे तोड़ती, सूत कातती, डलिया बनातीं हमारी दादियों का उल्लेख होता है अत: इस अवसर पर जनपद के समस्त लोगो को विश्वकर्मा डे पर हार्दिक बधाई है